Delhi High Court तुगलकाबाद किला अतिक्रमण से जल्द होगा मुक्त, दिल्ली हाई कोर्ट ने बनाई उच्च स्तरीय समिति

Capture of Rome's iconic Palace of Justice on a sunny day, showcasing its architectural splendor.

तुगलकाबाद किला अतिक्रमण से जल्द होगा मुक्त, दिल्ली हाई कोर्ट ने बनाई उच्च स्तरीय समितिDelhi High Court

Capture of Rome's iconic Palace of Justice on a sunny day, showcasing its architectural splendor.

नई दिल्ली:Delhi High Court दक्षिण दिल्ली स्थित तुगलकाबाद किले को अतिक्रमण और अवैध निर्माण से मुक्त कराने व इसकी निगरानी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

अगली सुनवाई तीन दिसंबर कोDelhi High Court

The next hearing is on December 3.
The next hearing is on December 3.

Delhi High Court:इस समिति में इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक, दिल्ली आवास एवं शहरी विकास विभाग के सचिव, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त, दिल्ली पुलिस आयुक्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष, दिल्ली राजस्व विभाग के संभागीय आयुक्त होंगे। पीठ ने समिति के अध्यक्ष को तीन दिसंबर तक समिति के कार्य की प्रगति पर एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।

कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रहीDelhi High Court

Several petitions are being heard
Several petitions are being heard

Delhi High Court:मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने साथ ही इस प्रक्रिया में विस्थापित होने वाले निवासियों के पुनर्वास को भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अदालत ने अतिक्रमणों का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, एएसआइ, डीडीए, एमसीडी और संबंधित निकायों के अधिकारियों को संयुक्त सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि अवैध निर्माणों को हटाने और विस्थापित होने वाले निवासियों के पुनर्वास के लिए एक नीतिगत निर्णय लिया जा सके। अदालत ने उक्त निर्देश तुगलकाबाद किले के संरक्षण और परिक्षण से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

1993 में एएसआई को दी गई जमीनDelhi High Court

Land given to ASI in 1993
Land given to ASI in 1993

Delhi High Court:सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि एएसआइ की सीमांकन रिपोर्ट के अनुसार स्मारक के अंदर कोई अतिक्रमण नहीं था। हालांकि, 1993 में एएसआई को दी गई जमीन पर चारदीवारी के बाहर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किए गए हैं। पीठ ने कहा कि तुगलकाबाद किला राष्ट्रीय महत्व का एक प्राचीन स्मारक है और भारत की विरासत को दर्शाता है। ऐसे में इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।

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