चंडीगढ़: Lakhpati Didi Yojana: केंद्र सरकार देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने को लेकर सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप सहित कई योजनाएं चला रही हैं। विभिन्न योजनओं में से एक खास योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है जिसका नाम लखपति दीदी योजना है। सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप के साथ जुड़ी औरतों से इस योजना के अनुसार अपना काम कर न केवल स्यवं आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि अपनी साथी महिलाओं को भी रोजगार मुहैया करवाने में उनका साथ दे रही हैं।
अनेक महिलाएं आत्मनिर्भर होकर प्रतिवर्ष लाखों रुपये कमा कर रही Lakhpati Didi Yojana
दरअसल हरियाणा के जिले फतेहाबाद के गांव अलीका में भी इसी तरह एक ग्रुप काम कर रहा है, जिसका नाम प्रेम सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप है। इस ग्रुप के साथ जुड़कर अनेक महिलाएं आत्मनिर्भर होकर प्रतिवर्ष लाखों रुपये कमा कर रही हैं। और अपने परिवार का भरण पोषण करने में अपने पति का हाथ बंटा रही हैं।
ग्रुप से जुड़ी महिला ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले वे अन्य महिलाओं की तरह ही घर के काम में व्यस्त रहती थी। आजीविका का अन्य कोई साधन नहीं था। एक दिन आजीविका मिशन के बारे में पता चला तो उन्होंने गु्रप से संपर्क किया और आजीविका मिशन पर कार्य कर रहे सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप के साथ जुड़ी और फिर लखपति दीदी योजना के तहत ग्रुप से उन्हें मदद मिली। जिसके बाद पहले दूध की डेयरी का काम किया और अब गांव में ही बुटिक, मनियारी और ब्यूटी पार्लर का काम भी शुरू कर दिया है। अब उसके पास ग्रुप के साथ जुड़ी अन्य महिलाएं भी काम करने के लिए आती हैं इस तरह उनके साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी रोजगार मिला।
लखपति दीदी योजना के कारण ही आज वह आत्मनिर्भर बन पाई Lakhpati Didi Yojana
इसी ग्रुप के साथ जुड़ी सोनिया ने जानकारी देते हुए बताया कि लखपति दीदी योजना के कारण ही आज वह आत्मनिर्भर बन पाई हैं। उन्होंने बताया कि पहले वह एक छोटे सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप के साथ जुड़ी थी। ग्रुप में चलाई जा रही एक्टिविटी में व पूर्ण सहयोग करती थ। ग्रुप से सिर्फ नाम मात्र ब्याज दर पर लोन लेकर उसने अपना मनियारी का कार्य शुरू किया। अब उसके पास अपना अच्छा बिजनेस है। 10 से 15 हजार प्रति महीने उससे इनकम हो जाती है। जिससे उसकी आजीविका चल रही है
What is Lakhpati Didi Yojna
क्या है लखपति दीदी योजना: लखपति दीदी योजना में स्वयं सहायता गु्रप की महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने अपने समूह की बचतए, ग्राम संगठन और बैंक लोन आदि मदद से अपनी आजीविका या रोजगार शुरू किया है और उनकी वार्षिक आय 100000 रुपये या इससे अधिक हो गई है, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अलग-अलग माध्यमों से पार्लर, कढ़ाई व सिलाई, फूड प्रोसेसिंग, आचारए पापड़, बेकरी और पशु पालन व डेयरी फार्मिंग से संबंधित ट्रेनिंग करवाकर उनकी आजिविका को बढ़ाया जाता हैं।