बेलगावी: MC Sudhakar on BJP and MNREGA कर्नाटक के मंत्री एम. सी. सुधाकर का कहना है कि लोग अभी तक भाजपा की असलियत को ठीक से समझ नहीं पाए हैं। उनके अनुसार, भाजपा और उसकी विचारधारा का आजादी की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं था। उन्हें उन संघर्षों का अहसास नहीं है जिनसे देश गुजरा है, और न ही वे देश के लिए दिए गए हजारों-लाखों लोगों के बलिदान की कद्र करते हैं।
MC Sudhakar on BJP and MNREGA उनका कहना है कि आजादी के आंदोलन के समय भाजपा से जुड़ी ताकतें या तो चुप रहीं या फिर ब्रिटिश सरकार के साथ खड़ी थीं। आज वही लोग देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। वे महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उनके विचारों का सम्मान नहीं करते। उनकी विचारधारा गांधी जी से बिल्कुल अलग है। मैं फिर से नाथूराम गोडसे पर बात नहीं करना चाहता, लेकिन यह साफ दिखता है कि गांधी जी के प्रति भाजपा के मन में कोई सच्चा आदर नहीं है।
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MC Sudhakar on BJP and MNREGA उनका यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद गुजरात से आते हैं, जो महात्मा गांधी की जन्मभूमि है। इसके बावजूद गांधी जी के नाम का इस्तेमाल सिर्फ दिखावे के लिए किया जा रहा है, जैसे बस यह साबित करना हो कि गांधी गुजरात से थे। सुधाकर ने कहा कि यह रवैया बदले की भावना को दिखाता है और महात्मा गांधी का नाम हटाने पर सरकार को शर्म आनी चाहिए। इतिहास को बदला नहीं जा सकता और गांधी जी हमेशा इतिहास में जिंदा रहेंगे, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में।
MC Sudhakar on BJP and MNREGA मनरेगा योजना पर बात करते हुए सुधाकर ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अच्छे इरादे से लाई गई थी। पिछले 17-18 सालों में इस योजना पर हजारों-लाखों करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाया। गांवों में रोजगार मिला, जमीन से जुड़े काम हुए, भूजल रिचार्ज हुआ और पुरानी, टूटी-फूटी संरचनाओं को फिर से बनाया गया।
MC Sudhakar on BJP and MNREGA सुधाकर का आरोप है कि 2014 के बाद से हर साल इस योजना के लिए फंड कम किया गया। अब सरकार कह रही है कि 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें उठाएं, जबकि पहले यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना थी। उनका कहना है कि या तो सरकार के पास पैसे नहीं हैं या फिर वे अपने वित्त को सही तरीके से संभाल नहीं पा रहे। इसके अलावा, सरकार ने ऐसे सख्त नियम लागू कर दिए हैं कि मनरेगा के तहत विकास कार्य करना लगभग नामुमकिन हो गया है। अब सीधे-सीधे योजना से महात्मा गांधी का नाम ही हटा दिया गया है।
सुधाकर के अनुसार, यह कदम पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया है। उन्हें महात्मा गांधी का नाम हटाने पर शर्म आनी चाहिए। इतिहास को दोबारा नहीं लिखा जा सकता और महात्मा गांधी हमेशा इतिहास में रहेंगे।
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