MNREGA Impact मनरेगा खत्म होने का सीधा असर कमजोरों और राज्यों की आर्थिक स्थिति पर होगा

Aravalli Hills,MNREGA, Rural Employment Scheme, Impact on Poor, State Economy, Rural India, Employment Guarantee, MNREGA Impact, मनरेगा, मनरेगा खत्म, गरीबों पर असर, राज्यों की अर्थव्यवस्था, ग्रामीण रोजगार, आर्थिक संकट, सामाजिक सुरक्षा, केंद्र सरकार योजना,

नई दिल्लीः MNREGA Impact कांग्रेस ने कहा है कि मनरेगा को खत्म कर सरकार ने संसद में जिस वीबी जी राम जी विधेयक को जबरदस्ती पारित कराया है उसका पहला और सीधा असर गरीब, दलितों, आदिवासियों तथा पिछड़ों पर होगा और इसका दूसरा असर राज्यों की वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा।

कमजोर वर्गों के लोगों का हक मारा जाएगा MNREGA Impact

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस विधेयक से जहां समाज के कमजोर वर्गों के लोगों का हक मारा जाएगा वहीं राज्यों की आर्थिक स्थिति पर इसका गहरा असर पड़ेगा। इस विधेयक में 60 प्रतिशत केंद्र का पैसा होगा जबकि 40 प्रतिशत राज्यों का रहेगा। हिमालयी राज्यों के लिए 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र से जारी किया जाएगा।

वीबी जीरामजी जन विरोधी कानून MNREGA Impact

रमेश ने कहा कि वीबी जीरामजी जन विरोधी कानून है और इसका सीधा असर समाज के हर कमजोर तबके पर पड़ेगा इसलिए कांग्रेस इसके खिलाफ अभियान शुरु करेगी और यह अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा। जिन लोगों पर इस कानून का असर होना तय है उनके साथ कांग्रेस इस जन विरोधी कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस की सर्वाेच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति की 27 दिसंबर को बैठक होने वाली है और उसमें व्यापक रणनीति पर विचार किया जाएगा।

मनरेगा का काम पंचायतों को मजबूत करना MNREGA Impact

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कहां और कैसे रोजगार श्रमिकों को मिलेगा यह केंद्र सरकार को तय करना है। सारा जिम्मा केंद्र का होगा। इस विधेयक के जरिए जिस तरह केंद्रीयकरण किया गया है यह अभूतपूर्व है। मनरेगा का काम पंचायतों को मजबूत करना तथा गांव का विकास और गांव के लोगों का कल्याण करना था लेकिन अब इसका पूरा दायित्व केंद्र ही निभाएगा। इस योजना का बुनियादी चरित्र बदल दिया गया है और इसमें जो कानूनी हक श्रमिकों को दिया गया था उसे खत्म कर दिया गया है। पहले सूचना के अधिकार कानून को खत्म किया गया और अब मनरेगा को खत्म कर दिया गया है। उनका कहना था कि आने वाले समय में वन अधिकार कानून खत्म होगा और फिर भूमि अधिग्रहण खत्म होगा और फिर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना पर निशाना साधा जाएगा और उसको भी एक रणनीति के तहत पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।

वधेयक के जरिए सरकार ने मनरेगा पर बुल्डोजर चलाया MNREGA Impact

रमेश ने कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार ने मनरेगा पर बुल्डोजर चलाया है और भाजपा के कई सांसद इसके पक्ष में नहीं थे और इस विधेयक का उन्होंने मन से समर्थन नहीं किया। खुलकर वे सामने नहीं आ सकते लेकिन उन्हें सरकार की मनरेगा को बदलने की नीति अच्छी नहीं लगी। आखिर सरकार को इस विधेयक को लाने से पहले इस पर सबके साथ विचार करने में दिक्कत क्या थी और जब विथेयक ला ही दिया था तो उसे संसद की समिति क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने सरकार से पूछा कि वह बताए कि उसने किस राज्य के मुख्यमंत्री के साथ इसको लेकर बात की है।

शीतकालीन सत्र को पूरी तरह से बुल्डोज किया MNREGA Impact

उन्होंने कहा कि 15 दिन के शीतकालीन सत्र को पूरी तरह से बुल्डोज किया गया है, लोकतंत्र की हत्या हुई और इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया है और महापुरुषों का अपमान हुआ है। डेढ माह बाद बजट सत्र होगा जो लंबा चलेगा और उसमें भी सरकार ऐसे ही कुछ अचानक कोई विधेयक ला सकती है लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ने वाली नहीं है और इस पर सरकार को झुकना पड़ेगा। जिस तरह से सरकार किसानों के खिलाफ लाये गये कानून को वापस करने को मजबूर हुई है उसी तरह से इसमें उसे मजबूर किया जाएगा।

27 दिसंबर को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक MNREGA Impact

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 27 दिसंबर को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक होनी है और इस बैठक में इस वीबी रामजी विधेयक को लेकर रणनीति पर विचार किया जाएगा। उनका कहना था कि कांग्रेस के लिए यह बहुत बड़ा मुद्दा है और इस पर ठोस रणनीति बनाना कांग्रेस की जिम्मेदारी हो गयी है। इस कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा क्योंकि यह विधेयक गरीब विरोधी, कमजोर लोगों के खिलाफ और समाज विरोधी है और सरकार इसके विरोध में पूरे देश में अभियान चलाएगी।

📲 Join WhatsApp Channel
WhatsApp Facebook X
📲 Join WhatsApp