Trump U-Turn on Afghanistan Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) आए दिन अपने फैसलों से दुनिया को हैरान कर रहे हैं। इस बार अमेरिकी प्रशासन ने अपनी अफगानिस्तान नीति में बदलाव किया है और बगराम एयरबेस को फिर से एक्टिव करने पर विचार किया जा रहा है।
खुलासा चीन के लिए भी परेशानी भरा Trump U-Turn on Afghanistan Policy
US President Donald Trump ने खुद यह खुलासा किया है कि उनका प्रशासन अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को फिर से कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा है। US President Donald Trump का यह खुलासा चीन के लिए भी परेशानी भरा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद कहा है कि चीन के परमाणु प्रतिष्ठानों के नजदीक होने के कारण बगराम एयरबेस पर उनके प्रशासन का कब्जा जरूरी है। US President Donald Trump गुरुवार को यूनाइटेड किंगडम के चेकर्स में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
बेस को वापस चाहते हैं Trump U-Turn on Afghanistan Policy
अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस के बारे में US President Donald Trump ने कहा, “हम इसे वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें हमसे चीजें चाहिए। हम उस बेस को वापस चाहते हैं। उस बेस को चाहने का एक कारण, जैसा कि आप जानते हैं, यह है कि यह चीन के परमाणु हथियार बनाने वाली जगह से एक घंटे की दूरी पर है।” अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के चार साल बाद US President Donald Trump ने अपनी इस नीति को सार्वजनिक किया है। उन्होंने अफगानिस्तान की स्थिति के लिए पिछले बाइडेन प्रशासन की आलोचना भी की।
सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा Trump U-Turn on Afghanistan Policy
बगराम राजधानी काबुल से 44 किलोमीटर उत्तर में स्थित है, जो अफगानिस्तान में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा रहा था। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब US President Donald Trump ने बगराम एयरबेस का मुद्दा उठाया है। मार्च में उन्होंने इस क्षेत्र पर बीजिंग के कंट्रोल का दावा किया था। US President Donald Trump ने कहा था, “अमेरिकी प्रशासन पहले भी बगराम को कब्जे में रखता, लेकिन यह सिर्फ अफगानिस्तान के कारण नहीं, बल्कि चीन के कारण, क्योंकि यह चीन के परमाणु मिसाइलें बनाने वाली जगह से ठीक एक घंटे की दूरी पर है।”
दावों को खारिज कर चुका Trump U-Turn on Afghanistan Policy
चीन का नाम लेते हुए US President Donald Trump ने आगे कहा, “आप जानते हैं कि अभी इसे कौन कब्जा कर रहा है?” हालांकि, अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों को खारिज कर चुका है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, “बगराम पर इस्लामिक अमीरात (तालिबान शासन) का नियंत्रण है, चीन का नहीं। चीनी सैनिक यहां मौजूद नहीं हैं, और न ही हमारा किसी देश के साथ ऐसा कोई समझौता है।”
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