सिरसा। Mid Day Meal सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को अब बिना जांच के मिड-डे-मील नहीं परोसा जाएगा। मिड-डे मील पकाने व इसमें उपयोग होने वाली सामग्री की भी जांच की जाएगी। बिना जांच के सामान न तो खरीदा जाएगा और न ही इसका उपयोग किया जाएगा। इसके लिए मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। निदेशालय ने आदेश दिया है कि अधिकारियों को यह जांच प्रतिदिन करनी होगी। निदेशालय के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी रोज एक स्कूल का निरीक्षण करेंगे। अधिकारियों को हर माह कम से कम 25 से 30 विद्यालयों का निरीक्षण जरूर करने के निदेशालय ने आदेश दिए हैं।
महानिदेशक ने जारी किए आदेश,अधिकारी प्रतिदिन एक स्कूल का करेंगे निरीक्षण Mid Day Meal
Mid Day Meal इसके अलावा अधिकारियों को रोजाना एक स्कूल का निरीक्षण कर यहां पर भोजन पकाने, राशन रखने की व्यवस्था, बर्तन धोने व रखने की व्यवस्था, सफाई व्यवस्था का जायजा लेना होगा। बच्चों को भोजन परोसने व खिलाने के तरीकों की भी समीक्षा करनी होगी। इस दौरान यह भी देखना होगा कि निदेशालय के मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन दिया जा रहा है। अधिकारियों को हर दिन एक स्कूल का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनानी होगी। बता दें कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को पोषण देने के उद्देश्य से मिड-डे-मील योजना के तहत पहली से 8वीं तक के बच्चों को रोज स्कूल में दोपहर का भोजन दिया जाता है। मिड-डे-मील की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए निदेशालय ने प्रतिदिन मिड-डे-मील की जांच करने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों को भोजन पकाने में उपयोग किए जा रहे राशन की भी जांच करनी होगी।
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