Biggest Hydrogen Bomb of Indian Politics: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर बड़ा हमला बोला है। Gaurav Bhatia ने कहा कि Rahul Gandhi किसी भी संवैधानिक संस्था में विश्वास नहीं करते, और देश की जनता ‘नकली गांधी परिवार’ में विश्वास नहीं करती है।
हाइड्रोजन बम
भाजपा प्रवक्ता Gaurav Bhatia रविवार को मीडिया से बातचीत में Rahul Gandhi के ‘हाइड्रोजन बम’ वाली टिप्पणी पर जवाब दे रहे थे। Gaurav Bhatia ने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि Rahul Gandhi खुद भारतीय राजनीति के सबसे बड़े हाइड्रोजन बम रहे हैं। समस्या यह है कि वे फट जाते हैं, और जब वे फटते हैं, तो कांग्रेस पार्टी फट जाती है।” Gaurav Bhatia ने कहा, “हम यहां प्रगतिशील, सकारात्मक विकासवादी राजनीति की बात करने आए हैं, और Rahul Gandhi एक रोने वाले बच्चे की तरह हर संवैधानिक संस्था पर सिर्फ भ्रम पैदा करते हैं और सवाल उठाते हैं।”
इसे कोई नहीं रोक सकता

इस दौरान,Gaurav Bhatia ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विषय पर दो टूक शब्दों में कहा कि इसे कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ सपना नहीं रहेगा, बल्कि साकार होगा। इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कर्नाटक के बेंगलुरु में रविवार को भाजपा ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कार्यक्रम रखा, जिसमें Gaurav Bhatia भी शामिल हुए। Gaurav Bhatia ने कहा, “क्टर भीमराव अंबेडकर ने देश को संविधान दिया और अगर कोई नेता यह सुनिश्चित कर रहा है कि संविधान के सपने पूरे हों, तो वो Prime Minister Narendra Modi हैं। देश की जनता, और कर्नाटक की जनता भी, बदलाव और विकास चाहती है, इसलिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को कोई नहीं रोक सकता है।”
अस्थायी’ शब्द था Biggest Hydrogen Bomb of Indian Politics
भाजपा प्रवक्ता Gaurav Bhatia ने यह भी कहा, “अनुच्छेद 370, जिसमें ‘अस्थायी’ शब्द था, उसे कांग्रेस ने नहीं हटाया था। हालांकि, Prime Minister Narendra Modi ने ऐसा किया। भाजपा एक अच्छे छात्र की तरह परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करती है और बाद में हम जनता का धन्यवाद करते हैं, जबकि कांग्रेस उस छात्र की तरह है जो पढ़ाई नहीं करता और असफल होने के बाद ईवीएम को दोष देता है।” Gaurav Bhatia ने कहा कि महिला आरक्षण, देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन, लागू हुआ और अब ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भी गहन विचार-विमर्श और जनता के समर्थन के बाद निश्चित रूप से एक वास्तविकता बन जाएगा।
