mission monsoon गुरुग्राम में ‘मिशन मानसून 2026’ शुरू: निगम ने 153 जलभराव बिंदुओं पर वैज्ञानिक आधार पर तैयारी तेज की

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 निगम ने 153 जलभराव बिंदुओं पर वैज्ञानिक आधार पर तैयारी तेज कीmission monsoon

गुरुग्राम: mission monsoon गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने अगले साल मानसून (2026) के दौरान शहर को जलभराव की भयानक समस्या से पूरी तरह मुक्त करने के लिए अभी से युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। निगम अधिकारियों ने दावा किया है कि इस बार केवल कागजी कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि वैज्ञानिक सलाह के आधार पर जमीनी स्तर पर ठोस काम किया जा रहा है। निगम का लक्ष्य अप्रैल 2026 तक सभी चिह्नित हॉटस्पॉट पर काम पूरा करना है।

153 हॉटस्पॉट की पहचान और समाधान की योजनाmission monsoon

mission monsoon:निगम ने निजी सलाहकारों की मदद से शहर में 153 जलभराव वाले बिंदुओं (हॉटस्पॉट) को चिन्हित किया है। इन जगहों पर जल निकासी (ड्रेनेज) और जल संरक्षण (वॉटर हार्वेस्टिंग) दोनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

मुख्य कार्य योजना:mission monsoon

mission monsoon:नए बरसाती नालों का निर्माण: जलभराव वाली जगहों पर बरसाती नाले बनाने का काम शुरू किया गया है। उदाहरण के लिए, सेक्टर-40 में लॉ कॉलेज के सामने एक नया बरसाती नाला बनाया जाएगा, जो जल निकासी को सुगम बनाएगा।

तालाबों का जीर्णोद्धार: पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।mission monsoon

mission monsoon:मॉडल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम: निगम ने मॉडल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।ये पहल न केवल पानी की निकासी में मदद करेंगी, बल्कि वर्षा जल के संग्रहण से भूजल स्तर को रिचार्ज करने में भी सहायक होंगी। निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीवरेज और ड्रेनेज की सफाई और मरम्मत संबंधी कार्य 31 दिसंबर तक हर हाल में शुरू कर दिए जाएं और अप्रैल 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं।

नागरिकों को मिलेंगे स्थायी समाधान के बड़े लाभmission monsoon

mission monsoon:जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान से गुरुग्राम के लाखों नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सीधा सुधार होगा और उन्हें कई सुविधाएँ मिलेंगी:यातायात में सुधार: सड़कों और अंडरपासों पर जलभराव समाप्त होने से यातायात बाधित नहीं होगा, जिससे ऑफिस जाने वाले लोगों और स्कूली बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी और समय बचेगा।सड़क सुरक्षा: जलभराव के दौरान गड्ढे छिपने से होने वाली दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा और सड़कें सुरक्षित होंगी।सार्वजनिक स्वास्थ्य: जलभराव के कारण मच्छरों और गंदगी से फैलने वाली बीमारियों (जैसे डेंगू और मलेरिया) की आशंका कम होगी।संपत्ति की सुरक्षा: निचले इलाकों और सोसायटियों में पानी घुसने की समस्या खत्म होगी, जिससे घरों और संपत्ति को नुकसान से बचाया जा सकेगा।यह पहल गुरुग्राम को एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब देखना यह है कि निगम अपने ‘मिशन अप्रैल 2026’ के लक्ष्य को कितनी सटीकता से पूरा कर पाता है।

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