समालखा: (Yamuna water level increased) पहाडी क्षेत्र मे हो रही भारी बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोडे जा रहे लाखो क्यूसिक पानी के कारण जहा यमुना नदी की तलहटी मे बसे समालखा खंड के गांव हधवाला,राक्सेड़ा, बिलासपुर ओर सिम्बलगढ मे बाढ का खतरा मंडराने लगा है। उल्लेखनीय है कि समालखा क्षेत्र मे भी यमुना का जलस्तर लगातार बढ रहा है। बाढ जैसे हालात हो रहे है। जलस्तर बढने से किसानो को काफी नुकसान हुआ है। यमुना का पानी किनारे तोड़कर खेतो मे भर चुका है। खेतो मे पानी की मोटरे भी डूब चुकी है। राक्सेड़ा गांव के सरपंच रामधन सैनी व ग्रामीणो की माने तो गांव के पास यमुना मे हुए भूमि कटाव के कारण एक हजार एकड के करीब फसल जलमग्न हो गई है।
फसल के साथ साथ प्लेज व सब्जी खराब Yamuna water level increased

जिससे खेतो मे खडी ईख,मक्की,धान की फसल के साथ साथ प्लेज व सब्जी की फसल खराब हो गई है। वही यमुना का पानी गांव के सत्संग घर के पास बंधे तक पहुंच गया है। राक्सेड़ा के पूर्व सरपंच पंडित जय प्रकाश ने बताया कि यमुना का पानी खेतो मे आने से धान,गन्ना प्लेज सब्जी व पशु चारा की बर्बादी के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि गांव वासियो व ग्राम पंचायत ने समय रहते बांध पर कम से कम 10 ठोकरे लगाने की गुहार लगाई थी,प्रशासन अगर समय रहते ठोकरे लगा देता तो किसानो का नुकसान नही होता। ग्रामीणो ने यह भी आरोप लगाए है कि अभी तक कोई भी प्रशासन का अधिकारी सुध लेने नही आया है।
बाढ का खतरा बना Yamuna water level increased

वही गांव हथवाला की सरपंच प्राची के पिता कृष्ण कुमार के मुताबिक गांव मे फिलहाल सामान्य हालात है लेकिन यमुना का पानी बंधे के पास पहुंच जाने से बाढ का खतरा बना हुआ है। ग्राम पंचायत की तरह से मुनादी करवा कर सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। उन्होने बताया कि बाढ के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। बाढ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने रेत से भरे कट्टे व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए है। उधर हरियाणा ओर उतर प्रदेश को जोडने वाले यमुना पुल गांव आट्टा के पास पिकनिक का केंद्र बन गया है। आट्टा गांव के पास यमुना का रौंद रूप देखने को पुल पर लोगो की भीड लगी हुई है। लोग अपनी मोटरसाइकिल व गाडियो के साथ यमुना पुल पर पहुंच कर सैल्फी ले
रहे है।

यमुना नदी के बढते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। जिला उपायुक्त वीरेंद्र दहिया ने बरसात व यमुना नदी मे उत्पन्न हुए बाढ के खतरे को देखते हुए सभी विभागो के अध्यक्ष को आगामी 5 सितंबर तक मुख्यालय न छोडने के आदेश दिए है।
