BLF attacks in Balochistan: बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने बलोचिस्तान में पाकिस्तान के दो सैन्यकर्मियों को मार गिराने का दावा किया है। बीएलएफ ने कहा कि उसके लड़ाकों के इस हमले में तीन अन्य सैन्यकर्मी घायल भी हो गए। इसके अलावा बलूचिस्तान छात्र संगठन (बीएसओ) के पुजार गुट ने अपने पूर्व अध्यक्ष जुबैर बलोच की मौत पर शोक जताते हुए उन्हें शहीद घोषित किया है।
रिमोट कंट्रोल बम विस्फोट से निशाना BLF attacks in Balochistan
द बलूचिस्तान पोस्ट (पश्तो भाषा) की रिपोर्ट के अनुसार, बीएलएफ के प्रवक्ता घोरम बलूच ने मीडिया को भेजे बयान में कहा कि 24 सितंबर को सुबह 8:00 बजे अवारन क्षेत्र के बुजदाद में पाकिस्तान सेना के पैदल गश्ती दल को रिमोट कंट्रोल बम विस्फोट से निशाना बनाया गया। हमले में दो सैन्यकर्मी मारे गए और तीन घायल हो गए। प्रवक्ता ने बताया कि हमले के आधे घंटे बाद हेलीकॉप्टर आये और सैनिकों के शवों और घायलों को ले गए।
निर्माण कंपनी की मशीनरी पर गोलीबारी BLF attacks in Balochistan
प्रवक्ता ने बताया कि एक अन्य अभियान में 20 सितंबर को बीएलएफ ने बरखान क्षेत्र, वादी बाघाओ, परघारा में सड़क पर काम कर रही एक निर्माण कंपनी की मशीनरी पर गोलीबारी की और फिर क्रैश प्लांट सहित मशीनरी में आग लगा दी। प्रवक्ता ने बताया कि बीएलएफ ने बुजदाद में रिमोट कंट्रोल बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली है, जिसमें दो सैन्यकर्मी मारे गए और तीन घायल हो गए। संघटन ने बरखान के बाघाओ में सड़क पर एक निर्माण कंपनी की मशीनरी पर हमले की भी जिम्मेदारी ली है।
शहीद और दागर की उपाधि प्रदान BLF attacks in Balochistan
इस बीच बीएसओ पुजार ने अपने पूर्व अध्यक्ष ज़ुबैर बलोच की हत्या के बाद उन्हें शहीद और दागर की उपाधि प्रदान की है। संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता के बयान में कहा गया है कि संगठन के पूर्व अध्यक्ष जुबैर बलोच शांतिपूर्ण संघर्ष और जनसेवा में विश्वास रखते थे। उनके नेतृत्व में संगठन ने हमेशा शिक्षा, न्याय और मानवाधिकारों के लिए काम किया। संगठन ने कहा है कि दलबंदिन में जुबैर बलोच के घर पर दुखद हमला हुआ, जिसमें वह शहीद हो गए।
पांच दिन के शोक की घोषणा की BLF attacks in Balochistan
संगठन ने अपने पूर्व नेता की स्मृति में पांच दिन के शोक की घोषणा की और कहा कि इस दौरान सभी संगठनात्मक गतिविधियां संक्षिप्त रहेंगी तथा कार्यकर्ता विभिन्न आयोजनों के माध्यम से उनकी स्मृति को जीवित रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम जुबैर के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे और शांति, न्याय और सेवा के उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। आरोप लगाया गया है कि जुबैर बलोच की दलबादिन में कथित तौर पर पाकिस्तान सेना और सरकारी समर्थन वाले डेथ स्क्वाड ने हत्या की है।
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